अमेरिका ने 2018 में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस्पात उत्पादों पर 25 प्रतिशत और एल्यूमीनियम के कुछ उत्पादों पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया था.
जनवरी से नवंबर तक देश का इस्पात उत्पादन 12.1 प्रतिशत सालाना वृद्धि के साथ 12.82 करोड़ टन
जनवरी में होने वाली अगले दौर की वार्ता से पहले ब्रिटेन ने की स्टील, एल्यूमिनियम पर कार्बन टैक्स लगाने की घोषणा.
वित्त वर्ष 2023 में अप्रैल-अक्टूबर की अवधि के दौरान चीन का इंपोर्ट 0.75 मिलियन टन दर्ज किया गया था
रिपोर्ट में अनुसार 2023 के अंत तक मांग 12 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद
भारतीय इस्पात उत्पादों की मानकीकृत गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी
2023 में स्टील की वैश्विक मांग बढ़कर 1,814.5 मिलियन टन हो सकती है
स्टील कंपनियां दिसंबर तक स्टील की कीमतों में 25-50 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी कर सकती हैं.
कभी भारत यूरोप और अमेरिकी बाजार के लिए स्टील के सबसे बड़े सप्लायर्स में गिना जाता था, लेकिन अभी हालात बदल गए है.
घरेलू स्तर पर महंगाई को काबू करने के लिए इसी साल मई में सरकार ने स्टील निर्यात को लेकर कुछ पाबंदियां लगाईं थीं.